ठेकुआ (Thekua) को आम तौर पर एक पारंपरिक और पौष्टिक व्यंजन माना जाता है, खासकर जब इसकी तुलना बाज़ार में मिलने वाले प्रोसेस्ड बिस्किट या कुकीज़ से की जाती है।
इसका मूल्यांकन करने के लिए इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं को समझना आवश्यक है:
✅ स्वास्थ्य के लिए ठेकुआ के सकारात्मक पहलू (Pros)
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साबुत अनाज (Whole Grain): यह मुख्य रूप से गेहूँ के आटे (Whole Wheat Atta) से बनाया जाता है, जो मैदा की तुलना में अधिक फाइबर और पोषक तत्व प्रदान करता है। फाइबर पाचन में सहायता करता है।
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गुड़ का उपयोग (Use of Jaggery): पारंपरिक ठेकुआ में चीनी के बजाय गुड़ (Gur) का उपयोग होता है। गुड़ आयरन (Iron) का एक अच्छा स्रोत है, और इसमें चीनी की तुलना में कुछ मिनरल्स (खनिज) भी होते हैं। यह सफेद, रिफाइंड चीनी से बेहतर विकल्प है।
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घी का मोयन (Ghee Content): इसमें इस्तेमाल होने वाला घी (Clarified Butter), अगर अच्छी गुणवत्ता का हो और मोयन (incorporation) में इस्तेमाल हो, तो यह स्वस्थ वसा (Healthy Fat) का एक अच्छा स्रोत है।
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प्रिजर्वेटिव-मुक्त (Preservative-Free): यह घर पर शुद्धता से बनाया जाता है, इसलिए इसमें कोई कृत्रिम रंग, स्वाद या हानिकारक प्रिजर्वेटिव नहीं होते हैं।
⚠️ स्वास्थ्य के लिए ठेकुआ के नकारात्मक पहलू (Cons)
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गहराई से तला हुआ (Deep Fried): ठेकुआ को तेल या घी में गहराई से तला (Deep Fried) जाता है। इस प्रक्रिया से इसमें वसा (Fat) और कैलोरी की मात्रा काफी बढ़ जाती है। अत्यधिक तला हुआ भोजन हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता।
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उच्च कैलोरी (High Calorie Density): यह आटा, गुड़ और घी का मिश्रण होता है, इसलिए यह कैलोरी में सघन (Calorie Dense) होता है। वजन कम करने वाले या मधुमेह (Diabetes) वाले लोगों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
ठेकुआ एक संतुलित विकल्प है:
यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बशर्ते इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए।
यह बाज़ार के प्रोसेस्ड स्नैक्स से कहीं बेहतर है क्योंकि यह शुद्ध, पारंपरिक सामग्री से बना है और इसे बनाने में गुड़ का उपयोग होता है। त्योहारों या यात्रा के दौरान इसे ऊर्जा और पोषण के एक छोटे स्रोत के रूप में खाया जा सकता है, लेकिन रोज़मर्रा के आहार में इसे बड़ी मात्रा में शामिल करने से बचना चाहिए।